RASHTRAWAD GOT AFFILIATION AS UNDERTAKEN DIVYA SANSKRITI SANSTHAN
Declared Divya Sanskriti

दिनांक 28अगस्त 2024
शुभ समाचार के रूप में सभी को सूचित किया जाता है कि दिव्य संस्कृत संस्थान {INCORPORATED UNDER GOVERNMENT OF INDIA LEGISLATION}
द्वारा संचालित दिव्य राष्ट्रीय सुसंगठन सोपान के अंतर्गत राष्ट्रवाद संगठन को अपने उपक्रम के रूप में संचालित करने की मान्यता प्राप्त हो
गई है। "रितेश तोमर, अध्यक्ष राष्ट्रवाद,भारत फर्स्ट"
राष्ट्रवाद,भारत फर्स्ट संगठन राष्ट्र के प्रति प्रेम-भाव रखने वालों का एक अनुपम संगठन है। राष्ट्रीय हित में सभी प्रकार के जागरूकता के कार्यक्रम एवं विशेष तौर पर सामाजिक राजनीतिक सांस्कृतिक तौर पर राष्ट्र को सुदृढ़ीकरण प्रदान करने के लिए विभिन्न प्रकार की गतिविधियों को संचालित करने के लिए निर्मित किया गया है।
दिव्य संस्कृति संस्थान अनेकों वर्षों से राष्ट्रीय पुनर्निर्माण के शुभ कार्य में संचालित भारत सरकार द्वारा निबंधित संस्थान है।
राष्ट्रवाद से जुड़े सभी बंधुजनों को BRAHMAPUTRA नामक प्रमाण पत्र {CERTIFICATE}प्रदान कराया जाएगा जिसका न्यूनतम अनुदान मूल्य छात्रों के लिए ₹9 प्रति वर्ष एवं व्यावसायिक कर्मचारियों के लिए ₹99 प्रतिवर्ष रखा गया है।
यह व्यवस्था पूर्णतया डिजिटल रूप में उपलब्ध है दिव्या संस्कृति की वेबसाइट पर जाकर सरलता से जुड़ा जा सकता है तथा सर्टिफिकेट को डाउनलोड किया जा सकता है।
राष्ट्रवाद में जुड़ने के लिए {मार्गदर्शक मंडल,संरक्षक मंडल,संचालक मंडल, सहयोगी संस्थान,सौजन्य समितियां} में भी जुड़ने की व्यवस्था की गई है जिसमें ₹9999 प्रतिवर्ष संस्थान को दान के रूप में प्रदान करके जुड़ सकते हैं।
सभी ग्रुपों में जुड़े हुए बंधु जनों को डिजिटल रूप से जोड़ने की शीघ्र ही पूर्ण कर ली जाएगी।
दिव्य संस्कृत संस्थान को प्रदान किया गया दान पर भारत सरकार के आयकर विभाग में अधिनियम 1961 के 80G के अंतर्गत छूट प्रदान कराई गई जाएगी।