DIVYA ARUN UPASANA 3.0 CELEBRATED
@ TWANG BORDER, ARUNACHAL PRADESH

भारत की त्वांग सीमा, अरुणाचल प्रदेश पर दिव्या संस्कृत संस्थान द्वारा मनाया गया भारतीय नववर्ष विक्रम संवत 2081
अत्यंत हर्ष का विषय है आज भारत की तवांग सीमा पर प्रातः सूर्योदय के समय दिव्या संस्कृत संस्थान द्वारा भारतीय नव वर्ष विक्रम संवत 2081 कार्यक्रम मनाया गया।
कार्यक्रम में दिव्य अखंड ज्योति (प्रतिकात्मक) के समक्ष प्रस्तुत होकर कार्यक्रम को मनाया गया।
कार्यक्रम में सभी प्रतिभागियों ने प्रातः सूर्योदय समय पर सूर्य का स्वागत एवं उपासना 2081 सूर्य नमस्कार विभिन्न प्रकारों से लगाकर ( बैठकर ,चलकर, मुद्राओं को बनाकर) कार्यक्रम को मनाया (प्रमुख प्रतिभागियों में श्री हिमांशु जी श्री निखिल जी श्री पंकज जी श्री शिवम श्री अजय जी ने शारीरिक द्वारा तथा शेष ने श्यनावस्था की विभिन्न मुद्राओं में रहकर कार्यक्रम में सहभागिता निभाकर कार्यक्रम को सुशोभित किया।
यह कार्यक्रम चैत्र शुक्ल वर्ष प्रतिपदा पर भारत देश के प्रथम सीमांत प्रदेश अरुणाचल प्रदेश में मनाया जाता है।
वास्तव में भारत देश में अरुणाचल प्रदेश ऐसा प्रदेश है जहां *सूर्य देव(अरुण देव)* सबसे पहले अपना प्रकाश देते हैं।
इसलिए इस प्रदेश को *लैंड ऑफ राइजिंग सन* के नाम से भी जाना जाता है।
दिव्य संस्कृत संस्थान द्वारा हिंदू नव वर्ष चैत्र शुक्ल वर्ष प्रतिपदा द्वारा आयोजित कार्यक्रम की भी यही अवधारणा है। नव वर्ष मनाने हेतु भारतवर्ष के सभी प्रदेशों से प्रतिनिधि मंडल *नवीन वर्ष पर सूर्योदय के समय अरुणाचल प्रदेश में* उपस्थित होकर *नवीन सूर्य का स्वागत एवं उपासना सूर्य नमस्कार लगाकर करतें हैं।*