DIVYA ARUNA UPASANA
SHUBHYATRA & VIDAI KARYAKRAM

आज दिव्य अरुण उपासना कार्यक्रम 3.0
शुभ यात्रा एवं विदाई कार्यक्रम मनाया गया।
यह कार्यक्रम चैत्र शुक्ल वर्ष प्रतिपदा,2081
(9 अप्रैल 2024 ग्रेगॅरियन कैलेंडर अनुसार)
मनाने हेतु अरुणाचल प्रदेश के तवांग सीमा पर जा रहा है।
वास्तव में भारत देश में अरुणाचल प्रदेश ऐसा प्रदेश है जहां *सूर्य देव(अरुण देव)* सबसे पहले अपना प्रकाश देते हैं।
इसलिए इस प्रदेश को *लैंड ऑफ राइजिंग सन* के नाम से भी जाना जाता है।
दिव्य संस्कृत संस्थान द्वारा हिंदू नव वर्ष चैत्र शुक्ल वर्ष प्रतिपदा द्वारा आयोजित कार्यक्रम की भी यही अवधारणा है। नव वर्ष मनाने हेतु भारतवर्ष के सभी प्रदेशों से प्रतिनिधि मंडल *नवीन वर्ष पर सूर्योदय के समय अरुणाचल प्रदेश में* उपस्थित होकर *नवीन सूर्य का स्वागत एवं उपासना सूर्य नमस्कार लगाकर करें।*
यह कार्यक्रम सभी प्रतिभागियों में *नॉर्थईस्ट एवं शेष भारत के मध्य सांस्कृतिक आदान-प्रदान, योग एवं आध्यात्मिकता , प्रकृति सौंदर्य, युवाओं में नएडवेंचरस ट्रैकिंग एवं रिवर राफ्टिंग तथा बॉर्डर विजिट के साथ साथ देश-भक्ति भावना को बढ़ाने वाला रहने वाला है।*
क्योंकि *अरुणाचल प्रदेश सीमांत प्रदेश होने के कारण अपने पड़ोसी देश जो विस्तारवादी गिद्ध दृष्टि इस प्रदेश पर रखते हैं , देशवासियों में यह विषय को लेकर चेतना जगाने वाला तथा अपने वर्तमान प्रधानमंत्री जी इस विषय को लेकर चिंतित रहते हैं । उनकी इस चिंता मुक्ति में सहायक रहने वाला है।*
अत्यंत हर्ष का विषय है कि इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को *शुभयात्रा एवं विदाई* प्रदान करने हेतु माननीय *श्री सुबोध जी , संगठन मंत्री, विश्व हिंदू परिषद, दिल्ली प्रदेश* ने अपना मूल्यवान समय निर्धारित किया है। तथा श्री सौरव मल्होत्रा जी, श्री यथार्थ जी, उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में प्रतिभागियों में श्री रिशिपाल जी ,श्री कर्मवीर जी, श्री योगेंद्र सिंह जी(योगी), श्री मदन जी, श्री जयपाल सिंह जी ,श्री कृष्ण यादव जी, श्री पंकज जांगिड़ जी, श्री हिमांशु जी, श्री अजय जी, श्री शिवम जी, श्री निखिल जी , श्री पवन जी ,अधिवक्ता श्री राजवीर सिंह जी, पटवारी एवं विपिन सिंह जी अग्निहोत्री रहेंगे।